हमसफ़र

तेरे सफर का हमसफ़र हो गया

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Ragghi
Ragghi 22 Sep, 2019 | 1 min read

तेरे सफर का हमसफ़र हो गया,

मेरा ये दिल अब तुम्हारा हो गया...


गिरता था संभलता था गिर-गिर के संभलता था,

अब दौड़ता हु मैं जबसे तेरे हाथो का सहारा हो गया...


मुद्दतों से था एक किनारे की फिराक़ में,

ताउम्र तैरना है जबसे तू समंदर हो गया...


__Soorat-e-haal

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