हर दफा

हर दफा यूँ लगे जैसे पहली दफा हो,

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Ragghi
Ragghi 23 Sep, 2019 | 1 min read

हर दफा यूँ लगे जैसे पहली दफा हो,

तुझे अलविदा कहना मानो संगीन खता हो...



दूरियां दरमियाँ भले हो दौर-ए-दस्तूर की,

हर पल तेरी मदहोशी जैसे नशा हो...



रोज करता हुँ ऐसे तो सफर-ए-जिन्दगी,

सफर का हो तू हमसफर तो कुछ और मजा हो...


__Soorat-e-haal

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