"महकती गुलाब की पंखुड़ियां"

जीवन में कभी हताश नहीं होना चाहिए।

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Charu Chauhan
Charu Chauhan 05 Aug, 2020 | 1 min read
#selflove #confident #bestrong #reality #beclam

"प्यार में मिले धोखे ने रूचि के दिल के टुकड़े टुकड़े कर दिए। टूट कर रूचि ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। आज दो दिन के बाद खुद को थोड़ा संभाल कर, उलझे बालों का जूड़ा बनाते हुए बगीचे में जा बैठी। चारों तरफ गुलाबों की खुशबू फैली थी। गुलाबों की खूशबू से उसके टूटे दिल को थोड़ा सुकून सा मिल रहा था। तभी हवा का झोंका आया और एक गुलाब टूट कर बिखर गया। टूटे गुलाब की पंखुड़ियों अब भी पहले की तरह महक रही थी और बगीचे का समां अब भी खुशनुमा था। जिसे देखकर रूचि ने हँसते हुए खुद से कहा फिर मैं कैसे दिल टूटने से इतना हताश हो सकती हूँ....?? "


मेरे विचार :- हालत चाहे जैसे भी हो हताश नहीं होना चाहिए। एक बार अगर हताशा घेर ले तो उससे निकल पाना उतना ही मुश्किल है जैसे किसी भयंकर भंवर से। निराशा, हताशा निरंतर मनुष्य को जकड़ती है। मुश्किल वक़्त में भी खुद को संभालना बहुत कठिन है लेकिन अत्याधिक आवश्यक है।




© ® चारु

धन्यवाद.....!


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