किसानी के त्योहार

यह सब किसानी पर्व हैं। सब अपनी फसल व मवेशियों की पूजा करके, नयी फसल की कटाई की खुशी मनाते हैं ।

Originally published in hi
Reactions 2
892
Charu Chauhan
Charu Chauhan 15 Jan, 2021 | 0 mins read
bihu festival Makar Sankranti Lohri Khushi harvest Pongal

पौष मास की ठंडक

और अलग अलग रंगों में रंगे त्योहार...

किसी के लिए लोहड़ी की अग्नि

किसी के लिए संक्राति की खिचड़ी।

बिहू मना रहा है कोई...

कोई कहता इसे थियान,

तो कहीं दो दिन पोंगल का त्योहार।


प्रारम्भ होता लोहड़ी से, जो आती संक्राति की पूर्व संध्या को

अग्नि जला बीचो बीच....

मूँगफली, तिल, गजक और मक्का के संग सब परिक्रमा करते।

ढोल नगाड़े बजते हैं, तब डीजे फीके लगते हैं,

दूसरे दिन मकर संक्रांति का दिन,

सूर्य उत्तरायण जो कहलाए।

सुबह जल्दी स्नान कर

लगता खिचड़ी और तिल का भोग,

दान पुण्य का कर्म कर,

करते शुभ कार्यक्रम का पुनः आरम्भ।

पतंगे ढकती पूरे आसमान को,

लड्डू की सोंधी महक जंचती सबको,


किसानी के हैं ये पर्व सारे...

बिहू और पोंगल का भी है यही आशय।

फसल कटाई की खुशी के ये त्योहार

ले आते हैं खुशियां हजार।।


स्वरचित

©चारु चौहान



2 likes

Published By

Charu Chauhan

Poetry_by_charu

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.