एकांत

संध्या और एकांत।

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Charu Chauhan
Charu Chauhan 18 May, 2022 | 1 min read
moon silence Love evening beautiful music

समेट लूँ एकांत सारा उसमें,

मस्तिष्क जो लावा लिए है,

रख लूँ फिर मैं भीतर मन के,

सपने चोरों का डर लिए हैं ,


मूक नहीं है दरिया का पानी,

शांत ज्यों ही खौफ़ लिए है,

निकल जाऊँ दूर इसी कश्ती से,

जग धोखे का मुखौटे लिए है,


पतवार बना दूँ मुस्कुराहटों को,

थकान भी तो हौंसला लिए है,

फैली है मीलों तक की ख़ामोशी,

तरु-पत्र संगीत के सुर लिए हैं,


निर्बल हो चला इस पहर में रवि,

चंद्र की घटा ओढ़नी लिए है,

चित शांत उपवन सा लगा होने,

तम जैसे आशा का दीप लिए है,


बढ़ रहा है मल्लाह हौले-हौले,

पानी के वलय आशा लिए है,

स्तंभित सी हूँ जीवन-दृश्य से,

उदासी वापसी का पथ लिए है।।


🖋️चारु चौहान

स्वरचित व मौलिक



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Charu Chauhan

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