तुमसे ज़िन्दगी है मेरी, तू मेरी जान है,
लेकिन यह बात जताती कम हूँ......ये बात और है !
जब से तुम्हें जाना है खुद को बेहतर से पहचाना है,
लेकिन जानना तुझे कम ही चाहा... हाँ ये बात और है!!
जब भी तेरे होंठ मिले हैं मेरे होठों से, एक अजीब सा सुकून मिला है....
मिलाया जरा कम ही करती हूँ होठों को... ये बात और है!
ख्वाहिश है उम्र भर तेरे साथ रहने की,
ये बात तुम्हें बतायी नहीं कभी.... हाँ ये बात और है!!
© चारु
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Well penned 👏
Thank u @Sonia mam.... You always appreciate me.
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