वतन की मिट्टी और घर की चिट्ठी, दोनों की ही अहमियत होती है क्या? सीमा पर खड़े सैनिक से बेहतर नहीं सकता कोई बता , लिखता है वह जवान ख़त कुछ इस तरह.... कहता है घरवाली से, माता पिता को प्रणाम मेरा कहना, छोटों को मेरी ओर से मिठाई तुम बाँट देना, फिर एक सलाम छोटे के हाथ दोस्तों को भी पहुंचवा देना। प्रियतमा जैसी बीबी, फिर एकांत में तुम जाना, और एक ख़त मेरे नाम लिखना, चूम लेना अपने होंठों से, लिखने वाली कलम को तुम पहले, फिर कागज़ को अपने सीने से एक बार लगाना, हर हर्फ़ में अपना प्यार छिपाना, ख़त पूरा कर एक दफ़ा फिर उसे चूम कर सीने से लगाना फिर तुम्हारी खुशबु से रचे बसे ख़त मेरे तक पहुंचाना।।
तुम्हारी खुशबु से रचे बसे ख़त
एक ख़त में समाहित प्रेम।
Originally published in hi
Charu Chauhan
06 Feb, 2021 | 0 mins read
Sacrifice
1000poems
Love
distance relationship
poem11
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Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Wahh
शुक्रिया
Amazing
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