हर साल २६ जनवरी आती है,
पूर्ण स्वराज दिवस के रूप में मनायी जाती है।
देश ने आत्मसात किया था इस दिन पूर्ण संविधान को,
जी...गले लगाया था सबसे लंबे लिखित संविधान की किताब को।
राष्ट्र ध्वज को लहराता देख...
गर्व से मन बल्लियों उछलता है।
सेना की परेड और विभिन्न प्रदेशों की सुन्दर मनमोहक झांकियां,
वश में कर लेती है...
मेरे चंचल मन को,
साथ ही रोंगटे खड़े कर देते हैं राजपथ के सारे विहंगम दृश्य।
झूम उठता है मन,
रहती हूँ ओतप्रोत देशभक्ति में।
देशभक्तों के नाम नारे जब उच्च स्वर में लगते हैं,
दिल जोरों से धड़कता है....
आँखों से आँसू अविराम बहने लगते हैं।
श्रद्धा-सुमन मेरे हृदय से शहीदों को अर्पण,
वीर योद्धाओं के आगे झुकता है मेरा मस्तक, य
हाँ की माटी को आंखें बंद कर, होठों से चूमती हूँ
सजी धानी वस्त्र में धरती माता, को गले लगाती हूँ।
मातृभूमि पर पल पल, बलि बलि जाऊँ मैं,
हिंद को फिर से सोने की चिड़िया देखना चांहू मैं,
भारत को जग में सर्वश्रेष्ठ बनते देखूँ
हर प्रार्थना मैं यहीं ईश्वर से माँगू मैं।।
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