'मीडिया' जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है। जिसका काम निष्पक्ष रूप से समान्य लोगों तक शासन और देश विदेश की ख़बरें पहुँचाना था। और जनता की भी ज़िम्मेदारी होती थी कि वह उस ख़बर का सही इस्तेमाल करे।
समय के साथ-साथ मीडिया का विस्तृत करण हुआ। कई नए चैनलों का आविर्भाव हुआ। और इसी के साथ मीडिया का प्रारूप भी पूर्ण रूप से बदल गया ।
चैनलों में अब टीआरपी और एक दूसरे से आगे जाने की होड़ मची हुई है । मीडिया के लिए अब निष्पक्ष होना इतने मायने नहीं रखता जितना कि ख़बरों के साथ ख़बर में रहना। हर खबर को मिर्च मसाले से चटपटा बनाना अब मीडिया की आदत हो गई है। न्यायिक व्यवस्था को भी ताक पर रखना आजकल की मीडिया के लिए कोई बड़ी बात नहीं। बहुत बार तो मीडिया जाँच से पहले ही फैसला सुना देती है और वही आम जनता में भ्रम पैदा करती है।
आज कल मीडिया निष्पक्ष ना होकर किसी भी खबर का सिर्फ एक पक्ष ही दिखाती है। एक ख़बर को भी अलग-अलग चैनल द्वारा भिन्न भिन्न रूप से दिखाया जाता है। मीडिया का स्तर भी अब राजनीतिक चुका है। आय दिन हम देखते हैं कि स्टूडियो में होती बहस किस तरह लड़ाई का रूप धारण कर लेती है। और मीडिया उसी को भुनाने में लगी रहती है।
न्यूजपेपर भी अखवार की अधिक बिक्री के लिए कई हथकंडे अपनाते हैं। किसी भी साधारण ख़बर को मज़ेदार बनाने के लिए कैसे भी शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। छोटी सी बात को भी बहुत बड़ा चढ़ाकर लिखना और बताना इनके लिए अब आम बात हो गई है।
अगर आप वर्तमान में एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के केस पर ही एक नजर डालें तो मीडिया का रूप कैसा है देख पाएंगे। केस अभी पूरी तरह से खुल नहीं पाया है लेकिन चैनल अपना आखिरी फैसला सुना चुके है वहीं कुछ चैनल को कार्यवाही से भी परहेज हो रहा है। तो मीडिया निष्पक्ष कहाँ हुई ??
इन्हीं सबके बीच एक मीडिया, सोशल मीडिया भी है। जहाँ झूठी ख़बर सबसे पहले और बहुत जल्दी से फैलती है। सोशल मीडिया से तो निष्पक्ष होने की उम्मीद करना ही बेकार है। सच को झूठ और झूठ को सच दिखाना इसे बख़ूबी आता है। कई बार आम लोग समझ ही नहीं पातें कौन सी ख़बर सच्ची है और कौन सी नहीं.....!
अगर मीडिया होड़ से बचकर निष्पक्ष ख़बर जनता तक पहुंचाए। खबर को मिर्च मसाला लगाने के बजाय ज़िम्मेदारी से अपना काम करे। और जब तक न्यायिक प्रणाली अपना फैसला ना सुनाए तब तक मीडिया सिर्फ़ टीआरपी के लिए किसी भी नतीजे पर ना पहुँचे तब लोकतंत्र का यह चौथा स्तम्भ और अधिक मज़बूत होगा। मीडिया को थोड़ा और अधिक ईमानदार होने की आवश्यकता है। तब जनता के लिए भी सच को समझना आसान होगा।
चारु
धन्यवाद !
स्वरचित व मौलिक
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
संदेशपरक आलेख
धन्यवाद @संदीप
Imandar media sirf doordarshan(DD) hai.
धन्यवाद @Aravind_sir
बहुत सही लिखा
धन्यवाद @Varsha_Mam
Very nice
Thank you @Neha_ji
Very nicely written 👏👍
Thank you #Shubha_Mam
well written charu...
Thank you #Babita_Mam
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