Charu Chauhan
17 May, 2021
'प्रार्थना'
प्रभु सबके मन के भाव आप जाने,
फ़िर इस बार बने हुए हो क्यों अनजाने?
प्रार्थना क्यूँ हमारी स्वीकार नहीं कर रहें?
क्यूँ अपने चरणों का प्रसाद नहीं दे रहें?
माना मत्यु लोक के हम हैं निर्लज्ज पापी,
पर प्रभु सब हैं तेरे चरणों के सेवक दासी,
पार लगाने नैया, केवट कलयुग का भेजो,
कंटक से जग को तारने प्रभु स्वयं पधारो।।
Paperwiff
by charudv3p6
17 May, 2021
प्रभु सबका भला करें
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