Charu Chauhan
30 Nov, 2020
"खिलौना"
मानुस कब बन गया खिलौना कुछ पता ना चला,
सारा दोष कलयुग पर मढ़ा, है यह कैसी दशा?
रोज़ बिक रहा ईमान खुले बाजारों में,
यह देखकर ईश्वर भी हँसा।
पैसे और धन धान्य की चकाचौंध ने है यहाँ सबको ठगा,
बच्चों ने भी दामन छोड़ कर खिलौनों का,
थाम लिया हाथ सुनहरे तकनीकी उपकरणों का।
देखो, बन गया मानुस दिखावे का खिलौना,
भावनाओं का अब कोई मोल ना रहा।।
Paperwiff
by charudv3p6
30 Nov, 2020
वर्तमान
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