Charu Chauhan
Charu Chauhan 05 Jun, 2021
'मैं और प्रकृति'
दो पल भी बैठती हूँ जब प्रकृति के पास, चाहे फिर वो हो घर का गमला या दूर नदियों की धार, कुछ अलग ही सुकून मिलता है प्रकृति की गोद में, मुझे ना जाने क्यूँ हर बार..... पहाड़ों की ऊँचाई मुझे जितनी पसंद है, उतना ही हैं जंगलों से प्यार। जितनी शांति सागर की गहराई में देखती हूँ, ओंस की एक बूंद भी आंखों को उतनी ही ठंडक देती है। सर्दी की धूप जितना आनंद देती है, उतना ही मज़ा देती है बारिश की भी एक-एक फुहार। प्रकृति के हर रूप की मैं दीवानी हूँ, क्योंकि मैं एक प्रकृति प्रेमी हूँ।।

Paperwiff

by charudv3p6

05 Jun, 2021

विश्व पर्यावरण दिवस

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