Charu Chauhan
17 Jul, 2021
ये रातें
बातों में देखनी है मशरूफियत,
रात के तीसरे पहर से बेहतर समय नहीं,
इसी वक्त होते हैं सारे वादे साथ निभाने के,
और तर्क मजबूरी की दुहाई देकर छोड़ जाने के,
जाने कितनी मोहब्बतें कुर्बान होती हैं रात की इसी वेला में,
और उड़ान भी मिलती है कितनों के ही सपनों को इसी पहर में।
Paperwiff
by charudv3p6
17 Jul, 2021
Quoteoftheday
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