Charu Chauhan
Charu Chauhan 28 Jun, 2021
गाँव-शहर
खोज रहे आज सब शहर में अपना-अपना गांव, खड़े बालकनी में, लेकर खुली छत का ख़्वाब, लेकिन जाना नहीं है किसी को भी वापिस वहाँ, भाती गांव की भी वो खुली छत-मुंडेर तुम्हें कहाँ।।

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by charudv3p6

28 Jun, 2021

गाँव

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