पहले, बच्चों को ये सिखाइए

प्रथमतः बच्चों को क्या सिखलाया जाना चाहिए उसका उत्तर इस कविता में।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 02 Jan, 2022 | 1 min read
paperwiffkids Bal rachna Poetry for kids Kids

पहले, बच्चों को अपने से छोटों को

स्नेह प्रदान करना

व बड़ों की आज्ञा मानना सिखाइए।।


पहले, बच्चों को घुलमिलकर 

परिवार में सबके साथ 

जीवन जीना सिखाइये।।


पहले, बच्चों को हर किसी से

कड़वा नहीं बल्कि 

मीठा बोलना सिखाइए।।


पहले, बच्चों को किताबी ज्ञान 

नहीं, बल्कि व्यवहारिक 

ज्ञान सिखाइए।।


पहले, बच्चों को दूसरे बच्चों से

अधिक नंबर लाने के लिए 

दवाब डालना नहीं बल्कि

मन से पढ़कर उत्तीर्ण होने की

सबक सिखाइए।।


पहले,बच्चों को अहंकार मन

से मिटाकर सबके साथ

आदर से बातचीत करना सिखाइए।।


पहले,बच्चों को मन के आँगन में

अपने अगल-बगल

संस्कार का पौधा रोपना सिखाइए।।


पहले,बच्चों को अपने जैसा

बनने की नहीं बल्कि

उसको सबसे अलग 

सार्थक इंसान बनने की

सीख सिखाइए।।


©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित



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Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Amarjeet kumar · 2 years ago last edited 2 years ago

    Wow This poem is very beautiful

  • Kumar Sandeep · 2 years ago last edited 2 years ago

    धन्यवाद अमरजीत,मेरे लिखे को सराहने के लिए

  • Jyoti Mishra · 2 years ago last edited 2 years ago

    👌👌🙌

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