हे जगत के पालनहार प्रभु!
मेरी माँ सदैव ही मेरी सलामती
की दुआ करती है आपसे
पर ख़ुद के लिए कभी भी
कुछ भी नहीं माँगती है आपसे
प्रभु! मेरी माँ की दुआएँ ज़रूर
पूर्ण कर दीजिएगा ताकि
मेरी माँ ख़ुश रहे,
आपके ऊपर माँ का विश्वास कायम रहे।।
एक दुआ मैं भी करना चाहता हूँ, प्रभु!
जब भी मेरी माँ मेरी ख़ुशी के लिए
आपसे कुछ भी दुआ मांगेगी
तो उस वक्त, मेरी माँ की दुआएँ
पूर्ण करने के साथ-साथ
मेरी माँ के हिस्से में भी
ख़ुशियाँ अर्पित कर दीजिएगा
मेरी माँ किसी भी क्षण
मायूस न रहे, उदासियाँ
मेरी माँ के इर्दगिर्द भी न भटके, इसलिए
मेरी माँ के जीवन में आने वाली
हर संकटों को हर लीजिएगा आप।।
प्रभु! आपने माँ को मेरे जीवन में भेजकर
मुझे सबसे कीमती उपहार दिया है
इसलिए आपका शुक्रिया, चंद लफ़्जों में
व्यक्त कर पाने में असमर्थ हूँ
प्रभु! मेरी कोई भी माँग नहीं है आपसे
बस इतना चाहता हूँ कि
आप सदैव मेरी माँ को प्रसन्न रखिए, ख़ुश रखिए।।
जब मैं सदैव के लिए नयन मूंद कर
गहरी निद्रा में सो जाऊँगा
आपके पास आने की बारी जब आ जाएगी
तब हे प्रभु! मैं चाहता हूँ कि
जीवन के आखिरी पल में भी
मेरी माँ, मेरी आँखों के सामने ही उपस्थित हो।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
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