मुश्किलों से मुँह मोड़ना नहीं जानते हैं-"सैनिक"

Dedicated to the real hero of our country.

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 18 Jun, 2020 | 1 min read
Indian soldiers

हमारे रिअल हीरो कोई और नहीं हमारे देश के सभी सैनिक हैं। उनके विषय में किसी भी कविता, कहानी या आलेख के माध्यम से कुछ भी लिख पाना कह पाना अत्यंत कठिन है। प्राण न्योछावर कर देते हैं सैनिक जब देश के ऊपर संकट आती है। सैनिक जो त्याग करते हैं वह कोई और कभी नहीं कर सकता है। अपनी मातृभूमि से अथाह प्रेम करते हैं सैनिक। मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए सदैव तैयार रहते हैं।


दुश्मनों के दांत खट्टे करने का हुनर जानते हैं सैनिक


दुश्मन जब-जब बुरी नज़र डालना चाहता है तब-तब सैनिक दुश्मनों को उसकी औकात दिखाते हैं। भले प्राण की आहुति ही क्यूं न देनी पड़े पर पीछे हटना नहीं जानते हैं हमारे देश के सैनिक। अंतिम सांस तक दुश्मनों से लड़ते हैं,अपनी प्रवाह किए बगैर। हमारे देश के सैनिकों के रग-रग देश के प्रति अथाह प्रेम समाहित होता है। हम सभी के प्रति उनका योगदान अतुलनीय है अकथनीय है।


परिवार से दूर रहना भला किसे अच्छा लगता है पर परिवार से कोसों दूर रहते हैं सैनिक


अपनी प्यारी माँ से, ख़ुद से अधिक प्रेम अपने पुत्र से करने वाले पिता से, अपनी बहन से अपने प्यारे भाईयों से कोसों दूर रहते हैं सैनिक। परिवार की याद हर पल आती होगी उन्हें भी। पर उनके लिए देश सर्वोपरि है। उनके लिए परिवार से पहले देश है। उनके लिए देश ही उनका परिवार होता है। और वे अपने परिवार की खातिरदारी में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। भले प्राणों की आहुति ही क्यूं न देनी पड़े। अपनी परवाह नहीं करते हैं। उन वीर योद्धाओं के संदर्भ में जितना भी लिखा जाए कम हैं। हम सभी चाहकर भी उनका ऋण नहीं चुका सकते हैं।


सैनिक मुश्किलों को मात देने के लिए रहते हैं तत्पर हमेशा


मुश्किलों की क्या औकात की स्पर्श भी कर सकें सैनिकों को। हर पल सरहद पर डटे रहते हैं सैनिक अटूट हिम्मत साथ लेकर। मुश्किलों से मुँह मोड़ना नहीं बल्कि मुश्किलों के बाहें मरोड़ना जानते हैं सैनिक। चाहे पूस की ठंडी रात हो या हो जेठ की तपती धूप हर मौसम में डटे रहते हैं सरहद पर। देश की सुरक्षा हेतु प्रतिकूल मौसम में भी मुश्किलों से लड़ते हैं। ताकि हम सभी महफूज रहें जहां भी रहें।


हमारी भी कुछ ज़िम्मेदारी बनती है उन वीर योद्धाओं के प्रति


शीत ऋतु हो या ग्रीष्म ऋतु या हो कोई भी मुश्किल हमारे लिए सैनिक अपना सर्वस्व समर्पित करते हैं। हम चाहकर भी उनका ऋण अदा नहीं कर सकते हैं। पर हाँ, हम उनके लिए कुछ तो कर सकते हैं। दिन में कम-से-कम एक बार हमें ईश्वर से उनकी सलामती की दुआ करनी चाहिए। ईश्वर से हाथ जोड़कर यह प्रार्थना करना चाहिए कि हे ईश्वर! हमारी सुरक्षा हेतु सैनिक दिन-रात रहते हैं तत्पर तो हे सृष्टि के पालनहार बस इतनी कृपा आप कीजिए जहां भी रहें हमारे देश के सैनिक ख़ुश रहें महफूज रहें।


धन्यवाद!

जय हिंद जय भारत


©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • आनंद रॉय · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत सुंदर प्रस्तुति।

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत बहुत आभार।जय हिंद

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    जय हिंद 🙏

  • ARUN SHUKLA Arjun · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत ही लाजवाब विवरणात्मक समसामयिक रचना

  • Anita Tomar · 4 years ago last edited 4 years ago

    शानदार लेख 👏👏👏👏

  • Resmi Sharma (Nikki ) · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत बढ़िया

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