आए थे जहाँ से वहीं चले जाओ

कोरोना की विदाई की विनती।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 27 Dec, 2020 | 0 mins read
Corona Go corona

कोरोना!

जब से हुआ है आगमन तुम्हारा

तब से मच गई है हलचल जगत में

तुमने लील लिया है कितनों का जीवन

पता नहीं किस बात पर रुठ चुके हो तुम

अब मान भी जाओ, आए थे जहाँ से

है हाथ जोड़ विनती, वहीं चले जाओ

अब मत सताओ संपूर्ण जगत को

हाँ, तुम संपूर्ण जगत से विदा होकर चले जाओ।।


कोरोना!

जीने का हर ढंग बदलकर रख दिया तुमने

खैर एक सीख भी दिया है संपूर्ण जगत को तुमने

अपनी और परिवार की रक्षा है कैसे करनी स्वयं ही

इस बात की सीख भी प्रदान की है तुमने

है विनती बारम्बार तुमसे हे अदृश्य शत्रु!

अब न बेवक्त तुम किसी को ईश्वर के पास भेजो

हर किसी के अंतर्मन से तुम अपना डर मिटा दो

हाँ, आए थे जहाँ से वहीं चले जाओ।।



©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित

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