कुछ बच्चे इस बात के लिए अपने शिक्षक से नाखुश रहते हैं कि शिक्षक मुझे हर बात पर टोकते हैं, पढ़ाई की बात हो या मेरे व्यक्तिगत जीवन की बात हर बात पर मुझे कुछ-ना-कुछ भाषण सुना ही देते हैं। जहाँ मन करें वहां जा भी नहीं सकता, अगर कहीं बाहर घूमते शिक्षक की नज़र पड़ गई तो हो जाएगी अगले दिन क्लास कक्षा में, फिर टीचर जी से भाषण सुनना होगा, ठीक से पढ़ो, समय बर्बाद मत करो बगैरह बगैरह।। अक्सर ऐसी शिकायतें मुझसे भी रहती है कुछेक बच्चों की। मैं जब देखता हूँ किसी भी प्रकार से बच्चों को अपने मूल मार्ग से दिगभ्रमित होते तो अधिकांशतः बच्चों को टोक देता हूँ, समझाता हूँ वो भी पीटकर नहीं बातों से। ताकि बच्चे अच्छी बात सुनकर, समझकर समय को समझें और समय के साथ हाथ से हाथ मिलाकर मेहनत करके एक कीर्तिमान यश स्थापित करें।
चाहे विद्यालय के शिक्षकगण हों अथवा ट्यूशन के जब शिक्षक आपके जीवन से जुड़ी अच्छी बातें समझाएं तो उनकी बातों को भाषण की संज्ञा न देकर हमें उनकी बातों को दिल से समझना चाहिए। यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि शिक्षक हमसे क्या अपेक्षा रखते हैं। देखिये शिक्षक एक ऐसे शख्स होते हैं जिनकी नज़र में आप ठीक उसी तरह हैं जैसा उनके परिवार का सदस्य उनकी नज़र में है। तो शिक्षक कभी नहीं चाहेंगे कि उनके परिवार का सदस्य किसी ग़लत रास्ते पर कदम रखे। इसलिए हर वक्त शिक्षक ही ग़लत नहीं होते हैं हाँ ग़लतियाँ शिक्षकों से भी होती है पर हमें ज्ञान का दान देने वाले शिक्षक हमें जो कुछ भी सिखलाते हैं वह हमारे भले के लिए ही।
कक्षा में अध्यापन के दौरान अथवा निज़ी ज़िंदगी से संबंधित बातें यदि शिक्षक हमें समझाते हैं तो हमें उनकी बातों को समझना चाहिए ना कि उनसे रुठकर रहना चाहिए। एक आदर्श शिक्षक की यही ख्वाहिश रहती है कि मेरा विद्यार्थी मुझसे भी काफी ऊँचे पद पर आसीन हो। और यह देखने के लिए भी मिलता ही है एक शिक्षक बेशक शिक्षण कार्य ही क्यों ना करते रह जाएं पर बच्चों को अच्छी शिक्षा निरंतर देते रहते हैं और एक दिन बच्चे अपनी मेहनत और लगन से ईश्वर के आशीर्वाद से एक दिन ऊँचे पद पर विराजमान हो जाते हैं। कोई विद्यार्थी प्रधानमंत्री बन जाता है, तो कोई राष्ट्रपति तो कोई वैज्ञानिक, इंजीनियर, कलक्टर इत्यादि पदों पर आसीन हो जाता है। और शिक्षक को इस बात का थोड़ा भी खेद नहीं होता है कि मेरे बच्चे ऊँचे पद पर है और मैं शिक्षण कार्य ही कर रहा हूँ। एक शिक्षक को तो इस बात के लिए बेहद ही गर्व होता है कि मेरे बच्चे आज सफलता की बुलंदियों पर हैं यह मेरे लिए भी सौभाग्य की बात है। यह सोचकर ही एक शिक्षक हमेशा ख़ुश रहते हैं।
मैं दुनिया के उन सभी आदर्श शिक्षकों को प्रणाम करता हूँ जो अपने अनुभवों, बुद्धि,विवेक और बेहतर कौशल द्वारा ज्ञान का दीपक हम विद्यार्थियों के मन के अंदर प्रज्ज्वलित कर हमें एक नेक इंसान बनाते हैं हमारे हितार्थ नेक कार्य करते हैं।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
EK TEACHER SMST VYVSAAYO PROFESSION KA JNK HOTA H... SAREY RASTEY EK TEACHER SE GURU SE HOKR HI JATEY H✍️👌🙏🇮🇳BHT SUNDER ABHIVYKTI
धन्यवाद मैम
चूँकि मैंने भी एक लंबा समय शिक्षिका के रूप में बिताया है इसलिए इस लेख से बहुत ही जुड़ाव महसूस हुआ |वाकई जब अपने पढ़ाए बच्चों को आगे बढ़ते हुए देखती हूँ तो बहुत ही खुशी होती है |बहुत खूबसूरत लेख
धन्यवाद मैम
Waah... 👏👏👏👏👏👏👏
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