फिल्मस्टार, युवा के दिलों की धड़कन सुशांत सिंह राजपूत की अदाकारी का कायल अनमोल जब से सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की ख़बर सुना था, तब से वह मायूस-मायूस सा रहता था। रात के वक्त करवटें बदल-बदलकर अपनी रात गुजारता था।
सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु की ख़बर ने उसके हृदय में एक गहरा जख्म दिया था, जिस जख्म से उबर पाना उसके लिए अत्यंत मुश्किल था। आखिर भूल पाना सचमुच असंभव था उसके लिए। फिर भी अपने चहीते अजीज कलाकार सुशांत सिंह राजपूत की गैरमौजूदगी की कमी से उबरने का भरसक प्रयत्न करता था वह।
अनमोल के पिता एक दिन उसके सम्मुख आकर बैठते हैं और कहते हैं, "बेटे! तू मायूस रहता है हर पल। बेटे तू अपने चेहरे पर मुस्कान रखो। और एक बात हमेशा ही स्मरण रखो कि कलाकार की मृत्यु कभी नहीं होती है। कलाकार कभी नहीं मरा करते हैं। बेशक आज वो इस दुनिया में नहीं हैं, परंतु वह हमारे दिलों में सदैव ही जिंदा रहेंगे। इसलिए तुम मायूस मत हो मेरे लाडले।"
पिता द्वारा कही गई इस बात के बाद वह इस विषय पर गंभीरता से चिंतन करने लगा। उसके अंतस से एक आवाज़ आई, सचमुच चहीते कलाकार बेशक इस दुनिया में हो या न हो पर वे सदैव जीवित रहते हैं हमारे भीतर हमारे दिलों में। अनमोल ने मायूस न रहने का प्रण लिया।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Bahut sahi likha. Kalakaar marte nahi apni kala ke zariye apne fans ke dilon mein humesha rehte Hain, prerna bankar. Aur ye humari fitrat hai ki kisi ke jaane ke baad hi humein uski kala ki kadra hoti hai... Sushant was an extraordinary person.
धन्यवाद मैम
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