किसान के दरद

बज्जिका भाषा में एक रचना।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 21 Nov, 2020 | 1 min read
Pain of Farmers Farmers

आज भिंसरे-भिंसरे जब देखली

किसान के आँख से आँसू बहवते

जाइत खेत के तरफ

तब हमरो आँख से

निकले लागल आँसू

ओकर दुख देखकर लगइत रहे कि

धरती माई भी रो देत र

आसमान भी रोए लागत र

उ किसान रहे परेशान, पर

मन में रखले रहल र उ अटूट विश्वास

पाँव बढ़ले जाइत रहे मंजिल के तरफ

जब ओकर दर्द देखल न गेल हमरा से

तब पूछली उ किसान से

कल्ला रो रहल छा चच्चा

कि भेलो हम कुछ मदद

कर सकोछिओ त बोलअ

तब कहलक उ किसान हमरा से

अरे! बउआ तू बारअ बहुत छोट

पर तू कहलअ ह आज बड़का बात

आज तक कोई न देकल हमर साथ

जिनगी के हर दुख लड़े के परल हमरा ख़ुदे

पर आज जब तू पूछ लेला

हमर दुख के वजह त

अइसन लागअता कि

हमर सब दुख दूर हो गेल

हम किसानन के दुख से

त कोनो के कोई मतलबे न हइ रे बउआ

बउआ तू मत रोअ, तू काहे रोअइछअ

हमरा त रोए के आदत बा बउआ

जब जिनगी के दरद बर्दाश्त न होइत बा

तब आँख से लोर गिरे लगेला अपने आप

जा तू स्कूल जा रे बाबू

हमहूँ आज लेट हो गइली

जल्दी से खेत में जाए के परि हमरा के।।

©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    वाह

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद दी आपका🙏🙏

  • Namrata Pandey · 4 years ago last edited 4 years ago

    वाह बहुत अच्छा प्रयास

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    हृदय से आभार आपका

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    हृदय से आभार आपका

  • Dr. Pratik Prabhakar · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत अच्छा लिखलहु हन, अइसहीं लिखते रहियह।

  • Babita Kushwaha · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत खूब उम्मीद है इस भाषा में और अधिक पढ़ने को मिलेगा

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद प्रतीक भैय्या

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद दी

  • Resmi Sharma (Nikki ) · 4 years ago last edited 4 years ago

    Bahut bariya likha hay

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत बहुत आभार माते

  • ARCHANA ANAND · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत बढ़िया लिखा संदीप

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद दी

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