सच्चा प्रेमी
कभी भी जबर्दस्ती से प्रेम
प्राप्त नहीं करना चाहता है
प्रेमिका का दिल जीत कर
प्रेमिका के मन पर सदा के लिए
अमिट छाप छोड़ना चाहता है
एक सच्चा प्रेमी।।
सच्चा प्रेमी
प्रेमिका के लिए करता है
अपना सर्वस्व न्यौछावर
ताउम्र अपनी ख़ुशी से अधिक
प्रेमिका की ख़ुशी की करता है परवाह
एक पल के लिए भी
नहीं देखना चाहता है प्रेमिका को मायूस।।
सच्चा प्रेमी
प्रेमिका के साथ कभी भी
नहीं करता है दुर्व्यवहार
प्रेमिका के ऊपर कभी भी
न आए कोई भी संकट
इसलिए सच्चा प्रेमी
स्वयं संकटों से लड़ता है।।
सच्चा प्रेमी
किसी भी नारी के ऊपर
नहीं डालता है बुरी नज़र
नारी का सम्मान करता है
एक सच्चा प्रेमी सर्वदा
इसीलिए तो एक सच्चा प्रेमी
सबकुछ त्याग देता है प्रेमिका के लिए।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत ही सुंदर शब्दों में पिरोई कविता संदीप जी💐👌👏👏
वाह, बहुत सुंदर
धन्यवाद एकता मैम
धन्यवाद विनीत मैम
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