लौट आइए पापा

It's been a long time, now come back dad

Originally published in hi
Reactions 3
558
Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 08 Feb, 2021 | 1 min read
1000poems Come back dad

लौट आइए पापा

मेरा मन कहता है मुझसे हर पल

"आपके पापा सर्वदा ख़ातिर नहीं गए रब के पास"

मुझे भी है यक़ीन

आप लौट आएंगे इक दिन निश्चित ही।।


पर.. ये दुनिया तोड़ देती है

मेरे विश्वास को

कहती है

"रब के पास जाने वाले लौटते नहीं हैं"

मुझे नहीं होता यक़ीन दुनिया की बातों पर।।


पापा,

चले आइए एक बार पुनः द्वार पर।।


आपसे ढ़ेर सारी बातें करना चाहता हूँ,

आपके पाँवों को पुनः दबाना चाहता हूँ,

आपकी गोद में सिर रख सोना चाहता हूँ,

चरणों को स्पर्श कर आशीष लेना चाहता हूँ,

आपके संग घूमने जाना चाहता हूँ।।


किसी भी चीज़ की माँग नहीं करुंगा मैं

किसी भी कीमती वस्तु की चाहत नहीं मुझे

मेरे लिए सबसे कीमती वस्तु आप थे पापा

जो आज मेरे पास नहीं

हाँ, पापा लौट आइए ना।।


सच कहता हूँ 

आपको किसी भी कष्ट की अनुभूति नहीं होने दूँगा।।


हाँ, पापा लौट आइए, ईश्वर को कह दीजिएगा

"मेरे बेटे को मेरी बहुत ज़रूरत है

जाने दीजिए मुझे 

मेरे लाडले के पास"


हाँ, ईश्वर ज़रूर सुनेंगे आपकी बात

हाँ, पापा लौट आइए एक बार मेरे पास

लौट आइए पापा मेरे पास।।


©कुमार संदीप 

मौलिक,स्वरचित, अप्रकाशित


3 likes

Published By

Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kamlesh Vajpeyi · 3 years ago last edited 3 years ago

    मर्मस्पर्शी भावनाएं..! एक पुत्र की.. अपने पिता के लिए.

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    हार्दिक आभार सर

  • Subhash Sagar · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत सुंदर रचना संदीप भाई जी, दिल को छूने वाली रचना I really loved it ❤️

  • ARCHANA ANAND · 3 years ago last edited 3 years ago

    पवित्रतम भावनाएँ भावुक कर गईं

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद भाई जी

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद दी

Please Login or Create a free account to comment.