बहू की चाहत

संयुक्त परिवार जितनी ख़ुशी कहीं और नहीं!

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 12 Jul, 2020 | 1 min read
Family

बँटवारा-बँटवारा कई दिनों से यही शब्द माँ को बहू और बेटों से सुनने को मिल रहा था। बहू जिद पर अड़ी थी कि अब बँटवारा हो ही जाना चाहिए। मुनिया जीते जी ये नहीं देखना चाहती थी। उसकी चाहत थी कि बेटे हमेशा एकता के साथ अंतिम साँस तक रहें।

पर आज की बहुओं को घर के बड़ों की चाहत से क्या मतलब! बड़ी बहू उग्र स्वभाव की थी। बहू ने कहा, "माँ अब आप तीनों भाईयों में जितनी भी संपत्ति है उसका बँटवारा कर दीजिए। "पति मायूस होकर एक कोने में बैठकर सबकुछ सुन रहे थे।

मुनिया का सबसे छोटा बेटा समझदार था। था तो,घर में सबसे छोटा पर था बहुत समझदार। छोटे बेटे ने कहा, "भाभी, बड़े भईआ जब एक पैकेट बिस्किट भी खरीदते थे तो उसमें से हम दोनों भाईयों को बराबर-बराबर देते थे।

और हम तीनों भाई बचपन में एक ही थाली में भोजन भी खाते थे। आप उन भाईयों के समक्ष बँटवारे का प्रस्ताव रख रही हैं। भाभी आपको किस चीज़ की दिक्कत है। अकेले रहकर भले आप ख़ुश रह सकती हैं पर आप ऐसा कर अच्छा नहीं कर रही हैं।

संयुक्त परिवार में जितनी ख़ुशी होती है उतनी ख़ुशी कभी आपको अकेले रहने में नहीं मिलेगी। मैं बेकार में इन बातों को आपके समक्ष कह रहा हूँ। आप भला क्यूं समझेंगी इन बातों को? आपके ऊपर तो अभी बँटवारे का भूत सवार है। " अनायास बड़ी बहू की आँखें नम हो गईं।

और सासुमां के पांव छूकर माफी माँगने लगी। मझली बहू भी अब बदल चूकी थी। उसके मन में बैठे नकारात्मक विचार अब समाप्त हो गए थे। बहुओं ने एक साथ रहने का फैसला लिया। अब मुनिया की आँखों में ख़ुशी के आंसू साफ-साफ दिखाई दे रहे थे। पति के देहांत के पश्चात आज कई बरस बाद मुनिया के चेहरे पर मुस्कान आई थी।

©कुमार संदीप

मौलिक,स्वरचित

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Kumar Sandeep

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  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    बहुत जल्दी मान गई ,अक्सर ऐसा प्रस्ताव रखने वाले मानते नही..

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    जी हाँ सही कहा आपने मैम

  • Sonia Madaan · 4 years ago last edited 4 years ago

    Good story

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद मैम

  • Yashika Mittal · 4 years ago last edited 4 years ago

    Amazing story

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद

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