संघर्ष का दूसरा नाम ही जीवन है। जब तक साँस है तब तक संघर्ष हम सभी के साथ है। इसलिए हार कभी मत मानिए बल्कि हार को हराने के लिए आत्मविश्वास में मजबूती लाने का प्रयत्न कीजिए। यह ज़रूर नहीं है कि हर वक्त हालात अनुकूल ही हों जीवन में, कभी-कभी वक्त ऐसा भी आता है जब हमें सख़्त परीक्षा देनी पड़ती है। ज़िंदगी की उस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए आवश्यक है कि हमारे अंदर हौसलों की तनिक भी कमी न हो कभी भी।
हौसला रखिए हर क्षण अंतर्मन में- कोई भी क्षण ऐसा न गुजरे जब आप ख़ुद को असहाय और कमजोर महसूस करें। अपने मन को कभी भी किसी भी हाल में छोटा नहीं होने दीजिए। मन में यह विश्वास रखकर चलिए कि मुश्किल आज न सही पर जीवन से कल ज़रूर मिट जाएगी। जिस वक्त से इस बात की गांठ आप अपने मन में बांध लेंगे यकीन मानिए आप किसी भी मुश्किल से नहीं घबराएंगे। निराशा और हताशा आपसे कोसों दूर रहेगी।
मुश्किल के मैदान में आप अकेले नहीं हैं- मुश्किल केवल एक इंसान की ही परीक्षा नहीं लेती है। हर इंसान की परीक्षा कभी-न-कभी मुश्किल लेती ही हैं। इसलिए निराश होने की बजाए एक बार दृष्टि उनकी ओर भी डालिए जो आपसे ज्यादा दुःखी हैं। आपको हौसला मिलेगा। और आप मुश्किलों से डरकर नहीं बल्कि डटकर सामना करेंगे।
हालात अनुकूल हो या प्रतिकूल संघर्ष का मैदान छोड़ कभी भी दूर मत जाइये। मुश्किलों से डटकर सामना करिए। सफलता निश्चित-ही एक दिन प्राप्त होगी। ज़िंदगी की परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले ही इतिहास रचते हैं। मुश्किलों से मुँह मोड़ने वाले बस अपनी किस्मत पर रोते हैं। यह स्मरण रखिये।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत सुन्दर प्रेरणादायी आलेख..!
हार्दिक आभार सर आपका
बिल्कुल सही बात कही है
धन्यवाद दी
बहुत ही प्रेरणादायक लेख। सच तो यही है कि दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जिसने कठिनाइयों का सामना न किया हो। हर व्यक्ति का अपना जीवन संघर्ष हैं। इस तरह के लेख किसी भी निराश व्यक्ति को सकारात्मकता की ओर ले जाते हैं।
बहुत बहुत आभार अनिता दी। सादर प्रणाम
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