हे ईश्वर!
आपका साक्षात दर्शन नहीं हुआ है कभी भी
फिर भी मैं यह मानता हूँ, है यह विश्वास कि
आप भले हैं अदृश्य पर आप हैं हर जगह
आपकी कृपादृष्टि के बिना हमारा कोई
अस्तित्व ही नहीं बचेगा इस धरती पर।।
हे ईश्वर!
कुछ प्रश्न है मेरे मन में मैं उन प्रश्नों का जवाब
आपसे जानना चाहता हूं,हाँ प्रभु बताइए हमें
क्यूं आपकी इस दुनिया में गरीब बिलखता है
क्यूं आप हर क्षण दीन दुखियों की परीक्षा लेते हैं
हाँ,क्यूं आखिर क्यूं उनका दुःख नहीं दूर करते हैं??
हे ईश्वर!
आपके ऊपर है हमें पूर्ण विश्वास हर पल,हर क्षण
आपकी पूजा-अर्चना भी करते हैं हम सब
हम जानते हैं संपूर्ण सृष्टि का निर्माण आपने ही किया है
आपके बिना हम अपनी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं
हाँ,प्रभु हम सब हैं ऋणी आपके।।
हे ईश्वर!
है बस इतनी-सी विनती आपसे कि
सद्बुद्धि प्रदान कीजिए शीघ्रातिशीघ्र उन्हें
जो धर्म के मज़हब के नाम पर लड़ते हैं हर दिन
जो आपके होने पर ही प्रश्नचिह्न लगाते हैं
हाँ,प्रभु उन अज्ञानियों के मन में ज्ञान भर दीजिए।।
हे ईश्वर!
अंत में एक और विनती हाथ जोड़कर करना चाहता हूं
हाँ,प्रभु कोई भी असहाय सड़क किनारे या कहीं पर
भूख से न तड़पता दिखाई पड़े और न ही रोता हुआ
उनके ऊपर अपनी कृपादृष्टि अवश्य दिखाइये प्रभु
हाँ,प्रभु उनके जीवन से दुःख कर दीजिए दूर सदा के लिए।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति
बहुत बढ़िया लिखा है संदीप
Shandar, excellent 👌👌👌👌🙏🏼👍🙏💐💐💐
धन्यवाद एकता मैम
धन्यवाद बबिता दी
धन्यवाद सर
Bahut sundar 🙏🙏🙌🙌👌
धन्यवाद दी
वाह
धन्यवाद मैम
Bahut achha likha hai
धन्यवाद मैम
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