चाहे क्षेत्र कोई भी हो मनोबल तोड़ने वाले हर ज़गह पर हैं

हर तरह के लोग हैं इस दुनिया में।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 30 Jun, 2020 | 1 min read



चाहे आप लेखन के क्षेत्र में हों या किसी दूसरे क्षेत्र में आपको यह ज़रूर महसूस हुआ होगा कि मनोबल तोड़ने वाले हर मोड़ पर बैठे हुए हैं हर जगह। पर हमें हतोत्साहित नहीं बल्कि हौसले को दोगुना करना पड़ेगा ताकि हम ज़िंदगी में कुछ बेहतर कर सकें आगे बढ़ सकें। कुछ लोग मिलेंगे ऐसे जो नहीं चाहेंगे कि आप ज़िंदगी के सफ़र में आगे बढ़ें एक दिन कुछ बेहतर करें, वे चाहेंगे कि आप सफलता प्राप्त करने से पूर्व ही टूट जाएं पूर्णतः। पर स्मरण रहे इन जैसे लोगों से भयभीत या हतोत्साहित होकर मंजिल के पथ से पीछे की ओर मत मुड़ें बल्कि आगे बढ़ें।


बात यदि हम लेखन के क्षेत्र की करें तो उसमें ही देख लीजिए। कुछ लोग ऐसे भी मिलेंगे जो चाहेंगे कि आप आगे न बढ़े इसलिए हर वक्त चाहेंगे आपका मनोबल तोड़ना। आपकी रचनाओं पर अशोभनीय टिप्पणी करेंगे ताकि आप लिखना ही छोड़ दें। यदि आप उनसे भयभीत होकर लिखना ही छोड़ देंगे तो अपने मन के भाव व समाज की सच्चाई को कैसे प्रस्तुत कर सकेंगे आप। नकारात्मक टिप्पणियों को दरकिनार करते हुए आगे बढ़ने का प्रयत्न कीजिए, क़दम रोकिये मत और न ही कलम को रुकने दीजिए! हाँ, यदि टिप्पणी आपकी बेहतरी के लिए है तो उस टिप्पणी पर अमल कीजिए। कुछ लोग ऐसे भी हैं इस दुनिया में जो आपको आगे बढ़ना देखना चाहते हैं इसलिए वक्त-वक्त पर आपकी रचनाओं पर या आपको व्यक्तिगत रुप से समझाएंगे उनकी बातों को ध्यान से सुनिए। उन बातों को आत्मसात कीजिए।


केवल एक क्षेत्र में ही नहीं हर क्षेत्र में ऐसे लोग मिल जाएंगे जो चाहेंगे कि आप सफलता प्राप्त करने से पूर्व थककर हारकर बैठ जाएं। चाहेंगे कि आप मंजिल तक न पहुंचे। इसलिए विभिन्न रुप से षड्यंत्र द्वारा आपके मनोबल को तोड़ना चाहेंगे। पर एक बात याद रखिये आपको इनकी बातों पर जरा भी ध्यान नहीं देना है बल्कि आगे बढ़ना है। एक लक्ष्य बनाएं और उस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु जी जान से लग जाएं। नकारात्मक विचार को व नकारात्मक विचार का संचार करने वाले लोगों से बिल्कुल दूरी बना लें।


इस दुनिया में न तो अच्छे लोगों की कमी है और न ही बुरे लोगों की। हर तरह के लोग हैं इस दुनिया में। एक बार जब लक्ष्य पाने के लिए आपने कदम आगे बढ़ा दिया है तो पीछे मुड़कर मत देखिए। निरंतर आगे बढ़ते रहिए। सफलता एक दिन निश्चित-ही मिलेगी।


©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sushma Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    बिलकुल सही कहा आपने, हमे अपने प्रयासों को जारी रखना चाहिए

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद मैम

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