गरीब के पास धन के बहुत कमी होइत हए
पर ओकर मन में कोनो के प्रति जलन के भाव न होइत हए
गरीब के देख सकिइछी सड़क पर पसीना बहबइत
पर गरीब कोनो के सामने रखल पानी के एक बूँद भी
बिना माँगल न ले सकिअ
गरीबन के मन में ईर्ष्या के भाव दूर-दूर तक देखाई
न दे सकिअ पर
कुछ अमीरन के मन में देख सकिइछी हरदम
ईर्ष्या के भाव
दोसरा के धन अपन करे के खातिर
प्रयास करइत हमेशा ही देखे के मिल जाएत
गरीब के जेबी में भरसक पइसा तनको न रहे पर
एक गरीब कभी भी न छीन सकिअ
कोनो के जेबी से एकोगो रुपया
प्रभु से है इहे प्रार्थना कि
हे प्रभु गरीबी न दिअउ कभी भी
कोनो गरीब के जीवन में
काहेसिके गरीबी बड़ा तड़पबइछइ हर गरीब के।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
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