आजादी का असल मतलब

|| 100 Words Short story ||

Originally published in hi
Reactions 3
483
Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 13 Aug, 2022 | 0 mins read
my100wordsstoryatPaperwiff

अमरजीत ! "कहने तो हम अँग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र हो गए, परंतु वास्तव में हम आज भी गुलाम हैं। आजादी के बाद भी नारियों को वो अधिकार नहीं दिया गया है जिसकी वह असल हकदार है। नारी शक्ति को घर की चारदीवारियों के बीच कैद कर पुरुष ख़ुद को श्रेठ समझता है।" मित्र की बात पर सही का मुहर लगाते हुए सचिन ने कहा, "सहमत हूँ तुमसे पर कहीं न कहीं इसके लिए ज़िम्मेदार नारी भी है। नारी को बंधन की बेड़ियों से बाहर निकलना होगा। अन्यथा वह आगे नहीं बढ़ सकती है। इतना कहते हुए सचिन आगे बढ़ गया।"



©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित


3 likes

Published By

Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Amarjeet kumar · 2 years ago last edited 2 years ago

    !! Have a wonderful story !!

  • CHARU RISHI MEHRA · 2 years ago last edited 2 years ago

    आपकी कहानी सही बात दर्शाती है। मैं खुद शादी से पहले कमाती थी, जब शादी का प्रस्ताव स्वीकार किया तो काम छोड़ने की शर्त भी मानली और आज तक उस बात से अफसोस करती हूँ। अब अपनी दो बेटियों को वोह गलती न करने दूँगी।

  • Kumar Sandeep · 2 years ago last edited 2 years ago

    धन्यवाद अमरजीत

  • Kumar Sandeep · 2 years ago last edited 2 years ago

    धन्यवाद मैम

Please Login or Create a free account to comment.