बेबसी

आज भी कुछेक निर्धन परिवार में धीरज जैसे बेबस बालक हैं, जो बेबसी के शिकार हैं इसके जिम्मेदारी कहीं न कहीं सत्ता की कुर्सी पर आसीन जनप्रतिनिधि भी हैं।

Originally published in hi
Reactions 2
439
Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 14 Aug, 2022 | 1 min read
my100wordsstoryatPaperwiff A Short inspiration story

स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पूर्व दिन में ही धीरज ने अपने पुराने मटमैले पोशाक को अच्छे से धोकर रख लिया था, कल विद्यालय में पहन कर जाने के लिए। रात्रि में बारिश आई फूस की छत थी पानी टपकने से धोया हुआ कपड़ा पूरी तरह भींग गया। सुबह उठकर धीरज माथे पर हाथ रखकर ख़ुद को और अपनी गरीबी को कोस रहा था तभी नेता जी की गाड़ी तेज़ रफ़्तार में जय हिंद का नारा लगाते हुए वहाँ से गुज़र रही थी, गाड़ी में लगे तिरंगे को देखकर तिरंगा लेने की चाहत से धीरज गाड़ी की ओर दौरने लगा। 



©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित,अप्रकाशित

2 likes

Published By

Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • CHARU RISHI MEHRA · 2 years ago last edited 2 years ago

    Very nice Sandeep...la truth told... जीवन... मिलता तो है, पर हर को अलग। कितना रंगीन, वोह आपकी सोच तय करेगी। All the best👍💯

  • Kumar Sandeep · 2 years ago last edited 2 years ago

    धन्यवाद मैम

Please Login or Create a free account to comment.