भाई-बहन के पुनीत पावन रिश्ते का अनुपम त्यौहार है रक्षाबंधन। एक बहन के लिए रक्षाबंधन का दिन किसी विशेष दिन से कम नहीं होता है। बहन पूरे वर्ष इस दिन की प्रतीक्षा करती है। जब यह दिन करीब आ जाता है तो बहन का मन हर्ष से भर जाता है। बहन के मन में उमंग छा जाना स्वाभाविक है। रक्षाबंधन का महत्व विशेष है, क्योंकि भाई-बहन के बीच का जो रिश्ता है वो सभी रिश्तों से प्यारा है। रक्षाबंधन के दिन एक बहन विशेष मिन्नतें मांगती है ईश्वर से। भाई की सलामती की दुआ करती है।
रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई पर राखी बांधकर भाई का मुँह मीठा करवाकर बहन के मन में जो उस वक्त ख़ुशी छाई रहती है उस ख़ुशी की तुलना नहीं है। कलाई पर राखी बांधने के दौरान ईश्वर से बस इतनी ही प्रार्थना करती है एक बहन कि हे ईश्वर! हे जगत के पालनहार प्रभु! मेरे भाई की रक्षा आप सर्वदा कीजिएगा। मेरे भाई के ऊपर कभी भी कोई भी संकट न आए, मेरे भाई की ऊपर अपनी कृपादृष्टि बनाएं रखियेगा।
जब एक बहन भाई की सलामती दुआ करती है। रक्षाबंधन का पावन त्यौहार पूरे मन से मनाती है। तो एक भाई की ज़िम्मेदारी भी बनती है कि वह अपनी बहन को इस दिन कुछ विशेष तोहफा दे या न दे पर कुछ वचन ज़रूर दे। एक भाई को अपनी बहन को इस दिन यही वचन देना चाहिए कि बहन जब कभी कोई भी मुश्किल आएगी तुझ पर मैं रक्षा के लिए साथ खड़ा रहूंगा। एक भाई को अपनी बहन को इस दिन यही वचन देना चाहिए कि बहन मैं न केवल तुझे उचित मान व सम्मान दूंगा अपितु हर किसी की बहन को उचित मान व सम्मान दूंगा। मैं अपने विचार या व्यवहार से कभी भी किसी नर या नारी के मन को आहत नहीं पहुंचाऊंगा। यदि ऐसा आप करते हैं तो यकीनन आपकी बहन के लिए इससे बड़ा तोहफा कुछ और हो ही नहीं सकता है। ऐसा करने से बहन को जो ख़ुशी मिलेगी वैसी ख़ुशी दुनिया की कोई भी कीमती चीज़ नहीं दे सकती है आपकी बहन को। इसलिए रक्षाबंधन के पावन दिन अपनी बहन को कुछ वचन अवश्य दीजिए।
किसी भी कीमती उपहार से कहीं सुंदर है ताउम्र अपनी बहन की हर ख़ुशी का ख़्याल रखना। रक्षाबंधन के दिन ही कोई मूल्यवान उपहार देकर भाई के कर्तव्य का निर्वहन नहीं होता। एक भाई का यह धर्म है यह कर्तव्य है कि वह अपनी बहन की हर ख़ुशी का ख़्याल रखे ताउम्र। जब कभी बहन के ऊपर संकट आए फौरन बहन के सम्मुख जाकर बहन का हालचाल जाने।
अपने हिस्से की कुछ ख़ुशी आइए इस वर्ष अपनी बहन को भी दें। क्योंकि बहन ही है जो अपने परिवार में सबसे अधिक किसी से निःस्वार्थ प्रेम करती है तो अपने भाई से। इस बार का रक्षाबंधन कुछ अलग तरह से मनाइए बहन को वचन देकर।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत ही सुन्दर वर्णन ।।। भैया जी
धन्यवाद आपका🙏🏻🙏🏻
बिल्कुल सही 👏👏
धन्यवाद मैम
बहुत सुंदर लिखा है |
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