प्रिय वृंदा मैम, प्रिय मिथुन सर आप दोनों के संदर्भ में शब्दों के माध्यम से कुछ भी कह पाना शायद नामुमकिन होगा किसी भी साहित्यकार के लिए तो भला मुझ जैसा साधारण विद्यार्थी किस प्रकार व्यक्त कर सकता है आपकी शख्सियत को शब्दों में।
पेपरविफ्फ को हम राइटर्स की पंतग कहें तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप दोनों पंतग की मजबूत डोर हैं। डोर के बिना पतंग कभी भी ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच सकती है। राइटर्स परिवार ऋणी रहेगा आपने पेपरविफ्फ रुपी पतंग को मजबूती से निखारते हुए एक अनुपम प्रयत्न को संपन्न करने का संकल्प लिया है।
मेरी नज़र में आप दोनों मेरे आदर्श हैं। आप दोनों ने शुरुआत से अब तक मुझे मार्गदर्शन दिया है, मुझे सिखलाया है आप दोनों ने कुछ नया, हमेशा कुछ अलग करना। मैं ताउम्र आभारी रहूंगा आप दोनों का। मुझ जैसे साधारण से विद्यार्थी को आप दोनों ने शुरुआत से अब तक जो स्नेह अर्पित किया है वह कोई और नहीं दे सकता था मुझे।
पेपरविफ्फ की बगिया के दो सुनहरे फूल कहूं आप दोनों को तो शायद मैं ग़लत सिद्ध नहीं होऊंगा। पेपरविफ्फ की बगिया में ख़ुशी,हर्ष का वातावरण सर्वदा ही व्याप्त करने में आप दोनों का योगदान सराहनीय है, प्रसंशनीय है। आप दोनों कड़ी मेहनत करते हैं, दिन रात ताकि राइटर्स के जीवन में निराशा न व्याप्त हो। राइटर्स को भी एक पहचान मिले, एक नाम मिले इसलिए आप दोनों हमेशा ही कुछ अलग करते हैं।
मैं प्रार्थना करता हूँ ईश्वर से कि आप दोनों की आयु दीर्घ हो, आप दोनों सदैव स्वस्थ रहें, मस्त रहें, पेपरविफ्फ को आप सफलता के शीर्ष पर ले जाने में सफलता अर्जित करें।
धन्यवाद!
आपके परिवार का सबसे नन्हा सदस्य
कुमार संदीप
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बहुत बढ़िया
👌👌👏👏
धन्यवाद मैम
धन्यवाद
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