2020 तू अब चला भी जा
हाँ तेरे आने से पहले सब के मन में थे कई सपने
पर तू है जब से आया
सबकी आँखों में है आंसू लाया
दीन दुखियों को तू तड़पा रहा है
मजदूरों को भी तू मन भर रुला रहा है।।
2020 तू अब चला भी जा
हाँ,जब तेरा आगमन नहीं हुआ था
तब हमारे मन में थी असीमित ख़ुशियाँ
पर तेरे आगमन के कुछ दिन बाद से ही
हमारी ख़ुशियों पर लग गया ग्रहण
हाँ अब एक पल भी नहीं लगता है कहीं मन।।
2020 तू अब चला भी जा
हाँ,हम नहीं चाहते अब कभी भी तुझे
तू चला जा जल्द-ही हमसे दूर बहुत दूर
हम सभी हैं मजबूर, लाचार व बेबस
क्योंकि जब से है तू आया
संग में तू है लाया दुःख की पोटली।।
2020 तू अब चला भी जा
मन में डर है बैठा अंतस तक
जब से तुमने दिया है दस्तक
हर ओर पसरा है सन्नाटा और
मन में है एक अज़ब बेचैनी
डर की वजह कोई और नहीं तू ही है।।
2020 तू अब चला भी जा
क्योंकि अब तेरे संग एक पल भी
गुजारना लग रहा है अत्यंत कठिन
हो गई हो यदि भूल कभी हमसे
तो हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं तुमसे
तू कर दे माफ हमें भूल जा तू हमारी गलतियों को।।
©कुमार संदीप
मौलिक,स्वरचित,अप्रकाशित
Comments
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बहुत ही सुंदर रचना प्रिय अनुज
बहुत सुंदर रचना
बहुत अच्छा लिखा...सचमुच 2020 ऐसा साल है, जिसका गुजरने का इंतज़ार कर रहे हैं।
धन्यवाद @Arun सर🙏🏻🙏🏻
धन्यवाद माता श्री
धन्यवाद अनिता दी
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