नेत्रहीन शख़्स सहन करता है असहनीय दर्द

नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन में दर्द।

Originally published in hi
Reactions 3
1055
Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 07 Jul, 2020 | 1 min read
Help blind people Blind people

नेत्रहीन शख़्स सहन करता है असहनीय दर्द


इस धरती पर ऐसे भी कई लोग हैं जो जन्म से ही अपनी आँखों से नहीं देख सकते हैं। ईश्वर ने जीवन तो दिया उन्हें परंतु आँखें न देकर बहुत कुछ छीन लिया। जी हाँ, बस एक पल के लिए यदि हम अपनी आँखों को हाथों से ढ़क लें तो एक पल के लिए कुछ भी दिखाई नहीं देता है। कुछ समय के लिए यदि हम अपनी आँखें हाथों से ढ़के ही रहें तो कुछ भी नहीं देख पाने की वजह से एक अज़ब बेचैनी महसूस होने लगती है। तो जरा सोचिए उनके विषय में जो जन्म से ही नहीं देख सकते हैं। 


नेत्रहीन व्यक्ति के दर्द व तकलीफ को शब्दों में व्यक्त कर पाना सरल ही नहीं असंभव है। आम इंसान जब चाहे जहां चाहे घूमने जा सकता है अपनी आँखों से संसार के हर अद्भुत दृश्य को देख सकता है। अपने परिवार के हर सदस्यों को देख सकता है प्रकृति की सुंदरता को देख सकता है। पर जरा सोचिए एक पल के लिए उनके विषय में जो देख नहीं सकते हैं। क्या उनका मन नहीं करता होगा अपनी माँ को अपनी आँखों से देखने का, अपने पिता को अपनी आँखों से देखने का, प्रकृति की सुंदरता को देखने का। अवश्य करता होगा उनका मन भी बहुत कुछ देखने का पर बेबस हैं लाचार हैं वे। नहीं देख सकते कभी भी। क्योंकि ईश्वर ने उन्हें जीवन तो दिया परंतु आँखें नहीं।


ईश्वर की मर्जी के समक्ष बेबस हैं सभी। ईश्वर ने सबकी संरचना विभिन्न रूपों में की है। किसी के जीवन में असीमित खुशियाँ हैं तो किसी के जीवन में बेइंतहा दर्द। हर किसी की ज़िंदगी भिन्न-भिन्न है। पर नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन में जो दर्द होता है वह वाकई में असहनीय होता है। अनगिनत ख़्वाहिशों रहतीं हैं उनके मन में भी पर उन्हें उन ख़्वाहिशों को दफन करना पड़ता है।


इस आलेख को लिखने का मेरा मूल मकसद यही था कि नेत्रहीन व्यक्ति सचमुच अपने जीवन में बहुत दर्द सहन करते हैं। हम यदि महसूस करें उनके दर्द को तो महसूस करने मात्र से हमारा रोम-रोम सिहर उठता है। जहाँ कहीं भी कोई नेत्रहीन व्यक्ति दिखाई पड़े उसे सहारा अवश्य प्रदान कीजिए। जी भर प्रेम और अपनत्व का भाव दिखाइये उनके साथ। अपने हिस्से की कुछ ख़ुशी उनके हिस्से में देने का प्रयत्न कीजिए।


धन्यवाद!


©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

3 likes

Published By

Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    सही आकलन

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद मैम

  • Sunita Pawar · 4 years ago last edited 4 years ago

    हमेशा की तरह बेहतरीन अभिव्यक्ति👍

  • Sonia Madaan · 4 years ago last edited 4 years ago

    Nice message conveyed

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    हार्दिक आभार सुनिता मैम

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    हार्दिक आभार सोनिया मैम

  • Anita Tomar · 4 years ago last edited 4 years ago

    सचमुच नेत्रहीन व्यक्ति जो दर्द सहन करता है, उसकी तुलना नहीं की जा सकती। एक बहुत बढ़िया संदेश दिया है इस लेख के द्वारा ।

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद दी

  • Resmi Sharma (Nikki ) · 4 years ago last edited 4 years ago

    Wahhhhhh

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद

Please Login or Create a free account to comment.