मैं कलम हूँ,

कलम की कीमत

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 30 Mar, 2023 | 1 min read
Importance of pen Pen

हाँ मैं कलम हूँ,

अगर मैं ना होती तो

कवियों की कविता मन ही मन रोती

अगर मैं ना होती

कोरे काग़ज़ पर कविता ना बहाती अपने अनगिनत आँसू।।

हाँ मैं कलम हूँ,

मैं युवाओं का भविष्य हूँ,

मैं गढ़ती हूँ भविष्य युवाओं का

मैं करती हूँ, उनका भविष्य उज्ज्वल।।

हाँ मैं कलम हूँ,

मैं हर रुप में अनोखी हूँ,

मेरे अंतस में सबके प्रति प्रेम है,

मैं प्रेमिका के प्रेम की पाती हूँ।

हाँ मैं कलम हूँ,

मैं ना रहती यदि

तो कोरे काग़ज़ पर ना होते अंकित अनगिनत अल्फ़ाज़

शब्द भटकते लहुलुहान होकर यत्र-तत्र।।

©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित

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Comments

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  • Kamlesh Vajpeyi · 1 year ago last edited 1 year ago

    सुन्दर लेखन

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