घर है एक मंदिर और बड़े-बुजुर्ग देवता हैं।

बड़े-बुजुर्गों का पूरा ख़्याल रखिए!!

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 10 Jul, 2020 | 1 min read
Elders Motivational Article


वह स्थान जहाँ जीवन के अनमोल क्षण हम सभी गुजारते हैं वह है घर। घर किसी मंदिर से कम नहीं होता है, या यूं कहें कि घर भी एक मंदिर के समान ही है। घर में रहने वाले हमारे बड़े-बुजुर्ग देवता तुल्य हैं,इसमें तनिक भी संदेह नहीं है। जिस तरह मंदिर में प्रवेश करने मात्र से अपार आनंद व हर्ष की अनुभूति होती है ठीक उसी तरह जब हम सब बाहर से घर के अंदर प्रवेश करते हैं तो अपार आनंद की अनुभूति होती है। व बड़े-बुजुर्ग के दर्शन से मानिए ईश्वर का दर्शन ही हो गया हो जैसे। बड़े-ही स्नेह,प्रेम,लाड़,दुलार से पालते हैं पोसते हैं हमारे बड़े-बुजुर्ग हमें। तो हमारे लिए तो सचमुच वे देवता तुल्य ही हैं।

मंदिर में यदि भगवान ही न रहें तो मंदिर की भव्यता किस काम की। एक पल के लिए जरा विचार करिए यदि मंदिर भव्य हो मंदिर की भव्यता देखते बनती हो व मंदिर में ईश्वर की मूर्ति ही न हो उस मंदिर की भव्यता व सुंदरता से क्या भक्तों को आनंद मिलेगा। नहीं, कतई नहीं आनंद मिल सकता है। ठीक उसी तरह, यदि घर में यदि बड़े-बुजुर्ग न हो तो घर सूना-सा प्रतीत होगा। यदि घर में बड़े-बुजुर्ग न रहें तो ऊंची इमारतों से क्या लेनादेना। ऊंची इमारतें किसी काम की नहीं। घर के बड़े बुजुर्गों की इतनी सेवा करें जिस तरह ईश्वर के लिए सर्वस्व न्योछावर करने को तत्पर रहते हैं। आखिर हमारे लिए बड़े-बुजुर्ग ही तो ईश्वर के तुल्य हैं।

भक्त मंदिर में जाकर ईश्वर की पूजा-अर्चना व देखभाल हर दिन करते हैं। ठीक उसी तरह हमें भी हर दिन अपने बड़े-बुजुर्गों की देखभाल करनी चाहिए। उनकी हर ज़रूरतों को पूरा करना चाहिए। उन्हें किसी भी चीज़ की दिक्कत महसूस न हो इसलिए सदा उनसे हालचाल पूछते रहना चाहिए। उनकी सेवा में अपने जीवन में से भी कुछ समय देना चाहिए। जो संबंध भक्त और भगवान के बीच होता है ठीक वही संबंध हमें बड़े-बुजुर्ग के संग रखना चाहिए।

मंदिर के समान घर की देखभाल के साथ-साथ हमें इस मंदिर में रहने वाले देवता तुल्य बड़े-बुजुर्गों की सेवा व देखरेख भी पूरे शिद्दत से करना चाहिए। उन्हें कभी भी किसी भी तकलीफ की अनुभूति न हो इसलिए सदा उनके लिए सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तत्पर रहना चाहिए।

©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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Kumar Sandeep

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sonia Madaan · 4 years ago last edited 4 years ago

    Well written. Nice thoughts

  • Ektakocharrelan · 4 years ago last edited 4 years ago

    Sandeep ji ur positive thoughts are appreciable 👏👏👏👏

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    धन्यवाद सोनिया मैम

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    हार्दिक आभार एकता मैम

  • Resmi Sharma (Nikki ) · 4 years ago last edited 4 years ago

    Bahut sunder baat kahi 👏👏👏👏👏👏👏💐💐💐

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    हार्दिक आभार

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