प्रेम
बाजार में बिकने वाली कोई वस्तु नहीं
जिसे जब जी चाहे
पैसे से खरीद ली जाए
प्रेम
एहसासों का समंदर है
प्रेम, पेड़ के मानिंद
परोपकारी, दयालु है
प्रेम के मार्ग पर
कदम बढ़ाने वाले पथिक के
जीवन में बाधाएँ
बिलकुल नहीं आती हैं
जिस तरह एक वृक्ष
प्रदान करता है इंसान को
बहुत कुछ
ठीक उसी तरह
प्रेम के छाँव तले
विश्राम करने वाले
हर शख़्स को
प्रेम भी प्रदान करता है
बहुत कुछ
वो सबकुछ प्रदान करता है
प्रेम, जिसकी हम कल्पना
भी नहीं कर सकते हैं
हाँ, सचमुच प्रेम की तुलना
यदि की जाए आसमां से
तो कुछ ग़लत नहीं
हाँ, जिस तरह आसमां की ऊंचाई अनंत है
ठीक उसी तरह
प्रेम की विशेषता अनंत है।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
Comments
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बहुत सुंदर
धन्यवाद
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