आज की युवा पीढ़ी प्रभु! राम से सीख ले

प्रभु राम को समर्पित, युवा के लिए यह आलेख महत्वपूर्ण!

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 10 Apr, 2022 | 0 mins read
Message for new generation An essay on Ram Ram ke liye man se nikale chand shabd Ram ko samrpit Aalekh Shri Ram

मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम का नाम सुनने में ही कितना प्यारा लगता है ना। और हाँ, इनका नाम सुनने में जितना मधुर है उतना ही मधुर है इनका व्यक्तित्व। प्रभु राम के संदर्भ में कुछ भी कहना मानों सूर्य को दीपक दिखाने जैसा ही है। जी हाँ, प्रभु! राम की विशेषता शब्दों में वर्णित करना अत्यंत कठिन कार्य है।



प्रभु! राम का अवतार मानव के कल्याण के लिए ही हुआ यह कहना तनिक भी ग़लत नहीं होगा। प्रभु! राम ने जन्म तो लिया राजा दशरथ के दरबार में पर उनकी छवि बस गई हर मानव के हृदय में। राजा दशरथ के चार पुत्र थे, पर "राम" राजा दशरथ के अत्यंत प्रिय थे। राजा दशरथ जब राम को सोते देखते थे, उनके हृदय को अत्यंत सुख पहुंचता था।



प्रभु! राम की जितनी भी तारीफ की जाए शायद कम ही होगी। राम का जन्म रानी कौशल्या के गर्भ से हुआ, पर राम अपनी माँ से भी अधिक प्रेम अपनी सौतेली माँ कैकेयी से करते थे। कैकयी से अधिक प्रेम इसलिये कि कैकयी को यह आभास न हो कि राम उनसे दुखी हैं। क्योंकि राम ने ताउम्र कैकयी को यह भान ही नहीं होने दिया कि कैकयी की वजह से उन्हें चौदह वर्ष खातिर वन में रहना पड़ा, या यूं कहूँ कि राम ने कभी अपने मन में ऐसा भाव जन्म ही नहीं लेने दिया। राम के जीवन में दुख ही दुख था पर वह हर दुख सहते गए वो भी मुस्कुराते हुए।



प्रभु! राम एक आदर्श पुत्र थे, यह किंचित भी झूठ नहीं है। आज की युवा पीढ़ी को जब पिता कुछ अच्छा भला समझाते हैं तो उन्हें पिता की राय ग़लत लगती है। पिता से दूर रहने का प्रयास करने लगती है आज की युवा पीढ़ी। वहीं आप जब मर्यादा पुरषोत्तम राम की छवि देखेंगे तो आपके मुख से निकलेगा, हाँ सचमुच राम एक आदर्श पुत्र के उदाहरण थे। पिता की एक आज्ञा पर चौदह वर्ष के लिए वन में रहने के लिए तैयार हो जाना, यह कोई और नहीं एक आदर्श पुत्र ही कर सकता है। पिता की हर आज्ञा का पालन करना राम अपना धर्म समझते थे। अधिक दिनों तक प्रभु! राम को अपने पिता के स्नेह का सुख नहीं मिल पाया। पर जितने दिन भी राम पिता के साथ रहे उन्होंने पिता को आदर व सम्मान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।


हमारी युवा पीढ़ी को प्रभु! राम के व्यक्तित्व का अनुसरण करना चाहिए। प्रभु! राम ने कितनी मुश्किलें सही अपने जीवन में फिर भी हारने का निर्णय नहीं लिया प्रभु! राम ने। आज की युवा पीढ़ी को उनसे यह सीख लेनी चाहिए। थोड़ी सी मुश्किलें आ जाने पर आज की युवा पीढ़ी आत्महत्या का रास्ता चुन लेती है, ग़लत कार्य में संलग्न हो जाती है। ऐसे में आज की युवा पीढ़ी यदि प्रभु! राम के व्यक्तित्व व कृतित्व की ओर दृष्टि डाले तो सचमुच एक आदर्श महौल का संचार हो जाएगा समाज में। हमारे देश में तब न जाने और कितने आदर्श चेहरे बन जाएंगे। जिनके संदर्भ में इतिहास के पन्नों पर कुछ बेहतर लिखा जाएगा। जय श्री राम! जय राम!



धन्यवाद!



©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित।


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Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Student · 2 years ago last edited 2 years ago

    YUVA PIDHI K LIY RAM EK PERNANA H, .....BHT HI JYDA AAVSHYKTA H AISEY GMBHIR CHINTAN KI SMAAJ KO...SANDEEP AAPNEY IMANDARI SE RAM KO MHSUS KIYA OR SBDO ME UTAARA, SUNDER RACHNA 👍👍🙏🙏👌👌👌👌

  • Kumar Sandeep · 2 years ago last edited 2 years ago

    Thanks a lot ma'am

  • Surabhi sharma · 2 years ago last edited 2 years ago

    बहुत अच्छा लेख है |

  • Kumar Sandeep · 2 years ago last edited 2 years ago

    धन्यवाद मैम

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