Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 29 Nov, 2020
किसान
अपनी ख्वाहिश के संग समझौता करता है जेठ की दुपहरी और कपकपाती ठंड में भी थककर नहीं बैठता है,खेतों में करता है काम किसान प्रतिकूल क्षण में भी तन पर कठिनाई सहनकर उगाता है अन्न तभी हमारी थाली में आती है दो रोटी, और खाने का अन्य सामान।।

Paperwiff

by Kumar_Sandeep

29 Nov, 2020

Motivational quotes

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