हे भारत के युवाओं!
खुद का हुनर पहचानो
अपने कर्म से
करो धरा को उर्वरा
तुम तपो सूर्य की तरह
एक दिन निखर जाओगे।।
हे भारत के युवाओं!
एक लक्ष्य तुम बनाओ
लक्ष्य प्राप्ति हेतु
संकल्प लो
जब तक न मंजिल मिले
थक,हार कर मत बैठो।।
हे भारत के युवाओं!
अपनी कमी तुम पहचानो
कमी दूर कर करो
खुद को निर्मल
सरल स्वभाव बनाओ,
मधुर स्वर में बोलो।।
हे भारत के युवाओं!
समय की कीमत पहचानो
एक बार जो
खो दिया समय को
खुद का अस्तित्व खो बैठोगे।।
हे भारत के युवाओं!
नारी का सम्मान करो
नारी देवी है,
नारी जीवनदायिनी है
इस बात को मत भूलना तुम।।
हे भारत के युवाओं!
ईर्ष्या कभी
किसी से न करना
ईर्ष्या बहुत बुरी है,
तुझ से तेरा चैनों सुकून
छीन लेगी
इससे बचकर रहना तुम।।
हे भारत के युवाओं!
माता-पिता और गुरु के
उपकारों को
कभी मत भूलना तुम
ईश्वर समान हैं माता-पिता
गुरु स्मरण रखना तुम।।
हे भारत के युवाओं!
सूर्य की भांति
प्रकाशमान बनोगे तभी
जब सूर्य की तरह जलना सीखोगे
तकलीफ़ दर्द के समय संयमित रहो
एक दिन सूर्य की तरह
प्रकाशमान बनोगे।
©कुमार संदीप
स्वरचित,इमेल:- worldsandeepmishra002@gmail.com
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