हे प्रभु! हे जगत के पालनहार!
हर माँ के मन में है शंका आज
अपनी संतान की अपने परिवार की
हर माँ है चिंतित बहुत आज
न जाने आने वाला कल होगा कैसा?
प्रभु उस माँ की चिंता कर दीजिए न दूर
हाँ प्रभु!उस माँ की शंका कर दीजिए न दूर।।
हे प्रभु! हे जगत के पालनहार!
संपूर्ण जगत की स्थिति आज है बुरी
हर रोज मौत ले जारी है
कईयों को अपने घर असमय ही
इस महामारी से सभी की रक्षा
कीजिए न आप आज प्रभु!
हाँ प्रभु सबकुछ अच्छा कर दीजिए न पुनः।।
हे प्रभु! हे जगत के पालनहार!
बेचारे निर्धन,बेसहारों को गरीबी देती तो है
हर रोज असहनीय दर्द और कष्ट
आज इस महामारी की वजह से
आज उनकी स्थिति हो गई अत्यंत दयनीय
रो रोकर रातें गुजार रहें हैं वो बेचारे
हाँ प्रभु! सुन लीजिए बेसहारों की करुण पुकार।।
हे प्रभु! हे जगत के पालनहार!
है आपसे करबद्ध प्रार्थना
सभी को स्वस्थ और ख़ुश रहने का दीजिए वरदान
धनवान भले मत बनाइये हमें
बस दीजिए निरोग रहने का वरदान
इस संकट की घड़ी से दीजिए उबार हम सभी को आप
हाँ प्रभु! सबकुछ पहले की तरह कर दीजिए आप।।
हे प्रभु! हे जगत के पालनहार!
हो गई हो भूल कभी हमसे तो
प्रभु! कर दीजिए क्षमा आप अपने पुत्र को
प्रभु!संपूर्ण जग से करते हैं न आप प्रेम
हम सभी बालक हैं आपके
हमारी भूल और गलतियों को भूल
हाँ प्रभु! आप दे दीजिए न माफी हमें।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित
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