इस दुनिया में उस इंसान की ही कद्र होती है जिसके पास कुछ अनोखा हुनर है।अपने अंदर के हुनर को हम जब तक नहीं पहचानेंगे तब तक हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं।अपनी एक अलग पहचान दुनिया के समक्ष बनाने के लिए सर्वप्रथम हमें अपने अंदर के हुनर की तलाश करनी होगी।तभी हम कुछ बेहतरीन कर सकते हैं।अन्यथा जीवन भर पछतावे के सिवा कुछ भी नहीं प्राप्त होने वाला है।।
अपनी एक अलग पहचान जिस किसी भी इंसान ने दुनिया के समक्ष प्रस्तुत की है उसने सर्वप्रथम अपने हुनर को तलाशा है और कड़ी मेहनत और लगन से सफलता पाया है।ऐसी बात नहीं है कि किसी के अंदर कोई भी हुनर मौजूद नहीं होती है।सभी शख़्स के अंदर कुछ-न-कुछ हुनर अवश्य है।बस आवश्यकता है उस हुनर की पहचान करने की।और ख़ुद में परिवर्तन लाने की।
किसी के अंदर कला क्षेत्र में अद्भुत प्रतिभा होती है तो कोई ख़ेल के क्षेत्र में अव्वल होता है तो कोई पढ़ाई में दक्ष है।सभी के पास अपना-अपना अलग-अलग हुनर है।अपने अंदर के छीपे हुनर को पहचानने वाले ही अपनी एक अलग पहचान बनाते हैं।आवश्यकता है कि हम किस प्रकार अपने अंदर के हुनर को सभी के समक्ष प्रस्तुत करते हैं।
ज़िंदगी रंगीली है।ज़िंदगी कभी अपार दुःख देती है तो कभी दुःख ही दुःख देती है।परिस्थिति चाहे जैसी भी हो आत्मविश्वास सदैव कायम रखना चाहिए।मंजिल एक न एक दिन अवश्य प्राप्त होती है।बस ख़ुद के अंदर के हुनर को सदैव निखारते रहना चाहिए।सफलता एक दिन निश्चित ही प्राप्त होगी।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित, अप्रसारित
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
सुन्दर लेखन..!
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