यदि आप मुझसे पूछेंगे कि दुनिया की वास्तविक ख़ुशी कहाँ मिलती है, तो मेरा उत्तर होगा परिवार। जी हाँ, मेरे अनुसार परिवार जितनी ख़ुशियाँ दुनिया के किसी भी कोने में नहीं है। भौतिक सुख सुविधाओं के अनगिनत साधन हो भले आपके पास परंतु यदि परिवार से दूर हैं आप तो आपकी ख़ुशी शून्य है। आप परिवार से दूर रहकर जीएंगे तो ज़रूर पर ख़ुश नहीं रह पाएंगे। इसलिए हमेशा ही परिवार से जुड़े रहने का प्रयास कीजिए।
एक परिवार हमारी ज़िंदगी में अनगिनत ख़ुशियाँ देता है। जब हालात प्रतिकूल और मुश्किलें घेरे रहतीं हैं हमें पूरी तरह तो एक परिवार ही उस वक्त हमारा सहारा बनता है। जब जीवन में चहुंओर दुःख ही दुःख नज़र आता है तो उस क्षण परिवार ही हमें ख़ुशी का मार्ग दिखाता है। जब मुश्किलें चाहतीं हैं हिम्मत तोड़ना तो परिवार ही हमें संबल करता है। इसलिए हमेशा ही प्रयास कीजिए कि परिवार में प्रेम हर हाल में बना रहे।
जिस तरह जिंदा रहने के लिए वायु,जल व भोजन की ज़रूरत है ठीक उसी तरह ख़ुशियों का एहसास पाने के लिए परिवार की ज़रूरत है। परिवार की परिभाषा जितने भी शब्दों में व्यक्त की जाए कम है। कभी भी किसी भी हाल में परिवार में दूरियाँ न बढ़े यह प्रयास कीजिए। परिवार में हमेशा ही एकता कायम रहे इसलिए हमेशा ही सार्थक प्रयास कीजिए।
मनमुटाव तो बिल्कुल ही मत रखिये परिवार के सदस्यों के प्रति मन में। जिस वक्त मन में परिवार के किसी भी सदस्य के प्रति आपकी सोच तनिक भी बुरी हुई उस वक्त से परिवार में दरार उत्पन्न होनी शुरू हो जाती है। इसलिए कुछ बातों को नजरअंदाज कर दीजिए। बीती बातों को भूल जाइए। और हमेशा यह प्रयास कीजिए कि परिवार में प्रेम बना रहे हमेशा ही।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
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