आज आपके समक्ष लेकर आया हूँ एक प्रेरणादायक आलेख।आलेख के माध्यम से रामायण के एक प्रेरणादायक प्रसंग देखने के पश्चात जो मन में विचार उत्पन्न हुए हैं उसे व्यक्त करने का प्रयत्न करूंगा।रामायण के कई ऐसे प्रसंग हैं जिनसे हमें बहुत सीखने को मिलती है।हम सभी लॉकडाउन लागू होने की वजह से इस वक्त घर में ही हैं तो हमें इस टाइम को सदुपयोग में लाना चाहिए।
आवश्यक कार्य पूर्ण करने के पश्चात मैंने रामायण का वह भाग देखा जिनसे हमें सीख प्राप्त होती है।वनवास के दौरान एक दिन अलौकिक,अद्भुत हिरण को देखने के पश्चात देवी सीता की इच्छा जागृत हुई उस हिरण को प्राप्त की जाए।भगवान राम हिरण की ख़ोज में वन में चले गए।लक्ष्मण भाभी की रक्षा के लिए देवी सीता के पास थे।अत्यधिक समय गुजर जाने के पश्चात राम वापस नहीं लौट सके तो देवी सीता ने लक्ष्मण को राम को देखने के लिए ढूंढ कर लाने के लिए आज्ञा दी।लक्ष्मण को आशंका थी कि कहीं कुछ अशुभ न हो जाए भाभी के साथ इसलिए लक्ष्मण नहीं जाना चाहते थे पर भाभी की आज्ञा को नकार भी नहीं सकते थे।इसलिए कुटिया के बाहर लक्ष्मण ने सुरक्षा हेतु एक रेखा खींच दिया और भाभी से उन्होंने कहा" भाभी जब तक मैं और भईया राम वापस न लौट जाऊं तब तक आप इस रेखा से बाहर मत आइएगा।"सीता षड्यंत्र का शिकार हो गई और रेखा से बाहर आ गई जिनसे रावण सीता को लंका लेकर चला गया।
आज के दौर में यह प्रसंग सीखप्रद है।हम यदि इस वक्त अपने घर से बाहर कदम रखेंगे तो काल हमें अपना ग्रास बना लेगा।अर्थात हमें इस वक्त अपने से बाहर कदम नहीं रखना है अन्यथा हमारी ज़िंदगी खतरे में पड़ सकती है।हमें धैर्य से काम लेना है और सावधानी बरतना है।हमारी जीत निश्चित होगी हमें ख़ुद पर विश्वास रखना है इस वक्त और सरकार की अपील का पालन करना है।
ईश्वर से प्रार्थना है कि आप सभी सदा स्वस्थ व ख़ुश रहें।
धन्यवाद!
©कुमार संदीप
मौलिक,स्वरचित,अप्रकाशित
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.