रिश्तों की डोर में मजबूती लाने से आशय है रिश्तों में प्रेम और अपनत्व को बढ़ाना।रिश्तों में यदि प्रेम और अपनत्व का अभाव हो तो रिश्ते अधिक दिनों तक कायम नहीं रहते हैं।रिश्ते यह एहसास दिलाते हैं कि इस दुनिया में हम अकेले नहीं हैं।हमारे साथ और भी लोग हैं जो हर मुश्किल-से-मुश्किल हालात में हमारे साथ हैं।यह एहसास हमेशा एकसमान बना रहे इसलिए हमें अपने अंतर्मन में अपनत्व व प्रेम का बीज अंकुरित करना होगा।तभी असल मायने में हम हमेशा ख़ुश रह पाएंगे और रिश्ते भी सदैव कायम रहेंगे।
जिन रिश्तों में होता है प्रेम का अभाव- रिश्तों के बीच जिस वक्त अहंकार,द्वेष और ईर्ष्या की भावना उत्पन्न हो जाती है उस वक्त से ही रिश्ते बिखरने लगते हैं।दरार आनी प्रारंभ हो जाती है रिश्तों में।इसलिए इस बात का हमेशा विशेष ध्यान रखें कि रिश्तों की बगिया में प्रेम रुपी पुष्प की कमी न हो कभी भी।
गलतफहमी को मत दीजिए जगह जीवन में- अपने जीवन में रिश्तों में कभी भी गलतफहमी को जगह मत दीजिए।अन्यथा गलतफहमी जिस वक्त विद्यमान हो जाएगी आपके अंतर्मन में रिश्तों में दूरियां बढ़ने लगेगी।और आप दुःखी रहने लगेंगे।इसलिए यह अति आवश्यक है कि हम गलतफहमी को अपने जीवन में आने ही न दें।कैसी भी समस्या हो कोई भी बात हो हमें मिलजुलकर उस समस्या का उस बात का समाधान ढूंढ़ना चाहिए।गलतफहमी ख़ुद-ब-ख़ुद मिट जाएगी।
रिश्तों में दूरियां की जगह नजदीकियां बढ़े इसलिए सर्वदा सार्थक प्रयास कीजिए।कभी भी प्रेम,अपनत्व व स्नेह का भाव कम मत होने दीजिए।ज़िंदगी में ऐसे कई मोड़ आते हैं जब हमें सहारे की ज़रूरत पड़ती है किसी के साथ की ज़रूरत पड़ती है।याद रखिये मुश्किल घड़ी में रिश्ते ही साथ देते हैं।इसलिए रिश्तों को संजोए रखिये,ख़्याल रखिये।
धन्यवाद!
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
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