पौधे

प्रकृति का कीजिए शुक्रिया क्योंकि उसने हमें उपहार स्वरूप प्रदान की है पौधे जो हमारे जीने की वजह है।

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 1777
Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 03 Apr, 2020 | 0 mins read

पौधे!
हाँ,पौधे सदा सहन करते हैं जेठ की धूप
सदा सहन करते हैं स्वयं कष्ट,और दर्द
और हम इंसानों को देते हैं ख़ुशी।।

पौधे!
हाँ,पौधे हमारा साथ जन्म से लेकर
मृत्यु तक निभाते हैं
पौधे ख़ुद का सर्वस्व हमारे लिए न्योछावर करते हैं।।

पौधे!
हाँ,पौधों की उदारता के विषय में
शब्दों में लफ्जों में कुछ भी कह पाना लिख पाना
है बहुत कठिन हाँ है बहुत मुश्किल।।

पौधे!
हाँ,पौधे यूं ही दानी नहीं कहलाते हैं
हमारा जीवन है उनसे ही जुड़ा
पौधों के बिना हमारी कल्पना है नामुमकिन।।

पौधे!
हाँ,हमें करना चाहिए प्रकृति का शुक्रिया
हाँ,हमें करना चाहिए ईश्वर का शुक्रिया
कि हमें मिला है पौधे के रुप में अनमोल उपहार।।

©कुमार संदीप
मौलिक,स्वरचित

0 likes

Support Kumar Sandeep

Please login to support the author.

Published By

Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.