एक गरीब इंसान ही सचमुच अमीर होता है।क्योंकि उसके अंदर सभी के प्रति सहानुभूति होती है।मेरा व्यक्तिगत मत है किअमीर शख़्स वो नहीं है जिसके पास बहुत धन,संपत्ति और भौतिक सुख सुविधाओं के तमाम साधन हैं।अमीर शख़्स वो है जिसके हृदय में सभी के प्रति संवेदना है जो कभी भी किसी के अहित के विषय में नहीं सोचता है।आप एक गरीब की तुलना में यदि एक अमीर को देखेंगे तो फर्क निश्चित-ही देखने को मिलेगा आपको।अपार धन और संपत्ति होने के कारण ख़ुद को अमीर व्यक्ति समझने वालों के हृदय में तनिक भी दया का भाव नहीं देखने को मिलता है।
निर्धन परिवार के पास बेशक धन का अभाव होता है पर उनके हृदय में सभी के प्रति संवेदना होती है।अर्थ अर्थात पैसों की कमी भले होती है उनके जीवन में पर दिल के बहुत अमीर होते हैं निर्धन।कड़ी मेहनत और पूरी ईमानदारी से हर कार्य को करना जानते हैं वे।अहंकार का तो नाम भी नहीं रहता है उनके अंदर वहीं आप देखेंगे कि कुछ लोगों को जरा-सी धन और संपत्ति क्या हो जाती है उनके पाँव जमीं पे नहीं रहते हैं अहंकार विद्यमान रहता है अंतर्मन तक उनमें।
हमेशा यह प्रयास कीजिए कि भले ही पैसे कुछ कम कमाइए पर किसी को नुकसान मत पहुंचाइये।पूरी ईमानदारी से जो भी कार्य हो कीजिए।बड़ा इंसान नहीं बल्कि अच्छा इंसान बनने का प्रयास करना चाहिए।और एक बात सफलता के चरम पर बेशक पहुंच जाइये परंतु अपनी पहचान मत भूलिए और दया और संवेदना का भाव सभी के प्रति रखिये।ऐसा करने से आपकी गिनती बेशक अमीर शख़्सियतों में न सही पर आदर्श व्यक्ति के रुप में अवश्य होगी।
अहंकार तो बिल्कुल मत अंकुरित होने दीजिए ख़ुद के अंदर।आज न सही पर कल निश्चित ही सफलता प्राप्त होगी ऐसा करने से।ख़ुद को कभी भी कमजोर समझने का प्रयत्न मत कीजिए।पूरी ईमानदारी और लगन से कार्य निरंतर करते रहिए बस।एक-न-एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
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