आज हम आपको इस आलेख के माध्यम से बताने जा रहें हैं कि किस प्रकार आप लॉकडाउन के टाइम का सदुपयोग कर रिश्तों में बढ़ी दूरियों को कम कर रिश्तों में मजबूती ला सकते हैं।जी हाँ,लॉकडाउन के टाइम हम सभी इस वक्त अपने-अपने घरों में ही हैं।तो क्यूं न?हम इसका फायेदा उठाएं।अपनों को अपनापन का एहसास दिलाएं।
आज के दिन मैंने अपने सभी रिश्तेदारों से फोन कॉल के माध्यम से बातचीत की और उनका हालचाल जाना।अपने पड़ोसियों से जाकर मिला और उनका हालचाल जाना।उन्हें एहसास दिलाया कि आप जरा भी हतोत्साहित मत होइए हम हर मुश्किल में आपके साथ हैं।मुश्किल की घड़ी तो इस वक्त सभी के लिए है पर एक दूसरे का हालचाल पूछ लेने से मुश्किल कम तो नहीं होती है पर हाँ,साहस अवश्य मिलता है उन्हें जिनकी हालचाल हम पूछते हैं।आपके अपनों को भी यह महसूस होगा कि मेरे अपने इस मुश्किल की घड़ी में मेरे साथ खड़े हैं।
आप भी ऐसा कीजिए!अपने सभी रिश्तेदारों से जिनसे पहले आपकी बनती थी या नहीं बनती थी उन सभी से बात कीजिए।यथासंभव उनकी मदद कीजिए।रिश्तों में आई कड़वाहट को बिल्कुल भूल जाइये इस वक्त और मदद का हाथ आगे बढ़ाइये।सुख के समय भले साथ न निभाइये पर दुख की घड़ी में अवश्य सभी का साथ निभाइये।
कोरोना रुपी महामारी से हम सभी निश्चित ही जीतेंगे इतना यकीन रखिये।एहतियात बरतिए और सरकार की अपील का पालन कीजिए।और हाँ,आलेख के अंत में एक बात अवश्य कहना चाहूंगा कि इस वक्त सभी बीती बातों को भूलकर अपनों को अपनापन का एहसास दिलाइए और यथासंभव रिश्तेदारों की मदद कीजिए।हाथ पर हाथ रखकर इस मुश्किल की घड़ी में निराशा होकर मत बैठिये मत!अपना और अपनों का पूरा ख़्याल रखिये।और, इस समय सभी का साथ दीजिए।ईश्वर से प्रार्थना है कि आप सभी सपरिवार सदा स्वस्थ व ख़ुश रहें।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
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