Jyoti Mishra
03 Mar, 2022
मानवता पर भारी ,युद्ध की तैयारी
क्रूर राजनीति का असभ्य खेल
मानवता जो हारी है , क्या सत्ता का अहम इतना भारी है ठहर जाओ जरा यह कैसा युद्ध जारी है ?
धरती के लिए क्यों करुणा नहीं मन में तुम्हारी है मानव लाचार है ,युद्ध का प्रचार प्रसार है ,बमों का शोर लाशें चारों और मानवता पर भारी ,युद्ध की तैयारी |
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by Jyotimishra
03 Mar, 2022
मानवता पर भारी ,युद्ध की तैयारी
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