Jyoti Mishra
14 Nov, 2022
बचपन
उम्र के साथ कितनी भी समझदारी आए
लेकिन अब भी थोडी बेवकूफी जिंदा हैं
वो शरारते चूर्ण की गोलियां वो इमली
चटपटा बचपन अभी भी याद हैं
दो कस के चोटी बनाना उसके ऊपर
लाल रिबन लगाना छोटी छोटी बातों पर आंसु बहाना उन दिनों की बेवकूफी पर आज मुश्कुराते हैं वो बचपन वाले दिन बहुत याद आते हैं।
Paperwiff
by Jyotimishra
14 Nov, 2022
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